नमस्कार पाठको आज हम इस अध्याय में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक प्रत्यय (Pratyay In Hindi) के विषय में अध्ययन करेंगे। तथा प्रत्यय से सम्बंधित सभी प्रश्नो का उत्तर देने का प्रयास किया है जैसे प्रत्यय किसे कहते हैं इसका अर्थ क्या होता हैं। परीक्षा में प्रत्यय और उपसर्ग अथवा उपसर्ग और प्रत्यय से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस अध्याय में हम पढ़ेंगे :-
प्रत्यय का अर्थ :-
प्रत्यय– प्रति + अय
(प्रति = साथ में, पर बाद में)
(अय = जुड़ने वाला, चलने वाला)
प्रत्यय किसे कहते हैं?
प्रत्यय की परिभाषा–
वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं; जैसे–
- समाज + इक = सामाजिक
- सुगन्ध + इत = सुगन्धित
- भूल + अक्कड़ = भुलक्कड़
- मीठा + आस = मिठास
प्रत्यय की विशेषता :-
• प्रत्यय शब्दांश होते हैं।
• इनका कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं होता।
• ये जिस शब्द के साथ लगते हैं, उसके अर्थ को प्रभावित करते हैं।
• इनमें संधि नियम लागू नहीं होता है।
प्रत्यय के भेद / प्रकार
हिन्दी में प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं–
1. कृत् प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
1. कृत् प्रत्यय–
जब किसी क्रिया या मूल धातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए, तो उससे बनने वाला यौगिक शब्द कृदन्त कहलाता है तथा यह प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहलाता है।
कृत प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं–
(i) कर्तृवाचक
(ii) कर्मवाचक
(iii) करणवाचक
(iv) भाववाचक
(v) क्रियाबोधक
(i) कर्तृवाचक–
जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह कर्ता के अर्थ का बोध कराए, ‘कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—
प्रत्यय | धातु | कृदन्त |
अक्कड़ | बूझ | बुझक्कड़ |
कूद | कुदक्कड़ | |
नाच | नचक्कड़ | |
आऊ | टिक | टिकाऊ |
चल | चलाऊ | |
उड़ा | उड़ाऊ | |
काम | कमाऊ | |
आक | तैर | तैराक |
पैर | पैराक | |
आकू | पढ़ | पढ़ाकू |
ओड़ा वैया | भाग | भगोड़ा |
हँस | हँसोड़ा | |
गा | गवैया | |
दे | दिवैया | |
एरा | कमा | कमेरा |
लूट | लुटेरा | |
ऐत | लठ | लठैत |
फेंक | फिकैत | |
ता | श्रु | श्रोता |
दा | दाता | |
न | पाल | पालन |
हार | पालन | पालनहार |
तारन | तारनहार | |
टूटन | टूटनहार | |
इया | जड़ | जड़िया |
वाला | दे | देनेवाला |
बोल | बोलनेवाला | |
दिख | दिखनेवाला | |
अक | जात | जातक |
घात | घातक | |
पाल | पालक |
(ii) कर्मवाचक–
जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह कर्म (को) के अर्थ का बोध कराए, ‘कर्मवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—
प्रत्यय | धातु | कृदन्त |
ना | बेल | बेलना |
कस | कसना | |
घोट | घोटना | |
नी | चाट | चटनी |
सूँघ | सूँघनी | |
औना | खेल | खिलौना |
बिछा | बिछौना |
(iii) करण वाचक–
जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह साधन के अर्थ का बोध कराए अर्थात् करण कारक (से) के अर्थ में प्रयुक्त हो, ‘करणवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—
प्रत्यय | धातु | कृदन्त |
न | जमा | जामन |
अन | ढक | ढक्कन |
नी | ओट | ओटनी |
धौंक | धौंकनी | |
कतर | कतरनी | |
फूँक | फूँकनी | |
ऊ | झाड़ | झाडू |
आ | थैल | थैला |
मेल | मेला | |
ठेल | ठेला | |
फँसा | फाँसा | |
झूल | झूला |
(iv) भाववाचक प्रत्यय–
जब किसी क्रिया या मूलधातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, ‘भाववाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाता है; जैसे—
प्रत्यय | धातु | कृदन्त |
आ | घेर | घेरा |
जोड़ | जोड़ा | |
खींच | खींचा | |
अ | अड़ | आड़ |
समझा | समझ | |
चमक | चमक | |
अंत | गढ़ | गढंत |
रट | रटंत | |
भिड़ | भिडंत | |
आई | पढ़ | पढ़ाई |
दिख | दिखाई | |
पिस | पिसाई | |
कमा | कमाई | |
आऊ | टिक | टिकाऊ |
गिर | गिराऊ | |
जला | जलाऊ | |
आन | उठ | उठान |
लग | लगान | |
ढल | ढलान | |
आप | मिल | मिलाप |
जल | जलाप | |
आव | चढ़ | चढ़ाव |
पड़ | पड़ाव | |
घूम | घुमाव | |
चुन | चुनाव | |
आवा | छल | छलावा |
भूल | भुलावा | |
आवट | लिख | लिखावट |
थक | थकावट | |
दिखा | दिखावट | |
आस | पी | प्यास |
आहट | भनभना | भनभनाहट |
जगमगा | जगमगाहट | |
गड़गड़ा | गड़गड़ाहट | |
मुस्कुरा | मुस्कुराहट | |
थक | थकावट | |
ई | धमक | धमकी |
मर | मरी | |
बोल | बोली | |
औता | समझ | समझौता |
चुक | चुकौता | |
औती | फिर | फिरौती |
चुन | चुनौती | |
काट | कटौती | |
औवल | मींच | मिचौवल |
बूझ | बुझौवल | |
अक | पाल | पालक |
तार | तारक | |
मार | मारक | |
याच | याचक | |
अत | बच | बचत |
खप | खपत | |
रंग | रंगत | |
ती | गिन | गिनती |
चढ़ | चढ़ती | |
गिन | गिनती | |
न | चल | चलन |
कह | कहन | |
उलझ | उलझन | |
नी | कर | करनी |
मिल | मिलनी | |
बो | बोनी |
(v) क्रिया बोधक–
जब किसी क्रिया या मूल धातु के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए और वह प्रत्यय भी क्रिया का बोधक हो, क्रियाबोधक कृत् प्रत्यय कहलाता है; जैसे—
प्रत्यय | धातु | कृदन्त |
आ | लिख | लिखा |
ता | दौड़ | दौड़ता |
हुए | हँसते | हँसते हुए |
2. तद्धित प्रत्यय–
जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाए तो उससे बनने वाला यौगिक शब्द तद्धितान्त तथा यह प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाता है; जैसे—
छात्र + आ = छात्रा
देव + ई = देवी
मीठा + आस = मिठास
अपना + पन = अपनापन
• तद्धित प्रत्यय 6 प्रकार के होते हैं–
(i) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
(ii) भाववाचक तद्धित प्रत्यय
(iii) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय
(iv) अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय
(v) ऊनतावाचक/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय
(vi) स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय
(i) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर कर्ता के अर्थ का बोध कराते हैं, कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
आर | लोहा | लुहार |
सोना | सुनार | |
गाँव | गँवार | |
आरी | पूजा | पुजारी |
भीख | भिखारी | |
आरा | हत्या | हत्यारा |
भाठा | भठियारा | |
बनिज | बनिजारा | |
उआ | गेरू | गेरुआ |
खार | खारुआ | |
पार | पारुआ | |
ई | तेल | तेली |
भेद | भेदी | |
तमोल | तमोली | |
इया | छल | छलिया |
रस | रसिया | |
आढ़त | आढ़तिया | |
एरा | घास | घसेरा |
ठाठ | ठठेरा | |
ऐत | बरछा | बरछैत |
दंगा | दंगैत | |
नाता | नातैत | |
ऊ | पेट | पेटू |
गरज | गरजू | |
बाजार | बाजारू | |
ची | तोप | तोपची |
नकल | नकलची | |
दान | खान | खानदान |
पीक | पीकदान | |
दानी | गोंद | गोंददानी |
पीक | पीकदानी | |
बान/वान | बाग | बागवान |
मेज | मेजबान | |
कार | पेश | पेशकार |
चर्म | चर्मकार | |
संगीत | संगीतकार | |
वाला | गाड़ी | गाड़ीवाला |
काम | कामवाला | |
एड़ी | गांजा | गंजेड़ी |
नशा | नशेड़ी | |
हारा | लकड़ी | लकड़हारा |
पानी | पनिहारा |
(ii) भाववाचक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर भाव के अर्थ का बोध कराते हैं, भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
आई | ठाकुर | ठकुराई |
पण्डित | पण्डिताई | |
चतुर | चतुराई | |
साफ | सफाई | |
आका | धम | धमाका |
सड़ | सड़ाका | |
आटा | खर्र | खर्राटा |
फर्र | फर्राटा | |
आन | घमास | घमासान |
उड़ | उड़ान | |
लम्बा | लम्बान | |
आवट | अमा | अमावट |
मेह (वर्षा) | महावट | |
आस | खट्टा | खटास |
मीठा | मिठास | |
आसा | पुंड | पुंडासा |
मुँह | मुँहासा | |
आहट | कडुवा | कडुवाहट |
गरम | गरमाहट | |
ई | गृहस्थ | गृहस्थी |
चोर | चोरी | |
किसान | किसानी | |
दलाल | दलाली | |
औती | बाप | बपौती |
काठ | कठौती | |
त | चाह | चाहत |
रंग | रंगत | |
ता | राई | रायता |
सुन्दर | सुन्दरता | |
मधुर | मधुरता | |
लघु | लघुता | |
नी | चाँद | चाँदनी |
पैज(पाँव) | पैजनी | |
नथ | नथनी | |
पन | काला | कालापन |
बाल | बालपन | |
छोटा | छुटपन | |
भोला | भोलापन |
(iii) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर संबंध के अर्थ का बोध कराते हैं, ‘संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
आल | ससुर | ससुराल |
ननिह | ननिहाल | |
ददिह | ददिहाल | |
आला | शिव | शिवाला |
एरा | मौसा | मौसेरा |
चाचा | चचेरा | |
फूफा | फुफेरा | |
जा | भान | भानजा |
जी | भान | भानजी |
उल | मात | मातुल |
ओई | ननद | ननदोई |
बहन | बहनोई |
(iv) अपत्ययवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर उत्पन्न होने अर्थात् सन्तान के अर्थ का बोध कराते हैं, ‘अपत्यवाचक /सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
य | दिति | दैत्य |
अ | शिव | शैव |
दनु | दानव | |
मनु | मानव | |
यदु | यादव | |
इ | दशरथ | दाशरथि (राम) |
वल्मीक | वाल्मीकि | |
ई | पर्वत | पार्वती |
गंधार | गांधारी | |
जह्नु | जाह्नवी (गंगा) | |
इन्द्र | ऐन्द्री (इन्द्र की पत्नी) | |
एय | अंजनि | आंजनेय |
गंगा | गांगेय (भीष्म) | |
अतिथि | आतिथेय | |
कुंती | कौंतेय | |
पुरुष | पौरुषेय | |
आयन | कात्य | कात्यायन |
वत्सि | वात्स्यायन | |
आमह | पितृ | पितामह |
मातृ | मातामह |
(v) ऊनता/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर उनके छोटे रूप का बोध कराते हैं, ‘ऊनता/हीनता/लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
आ | कालू | कलुआ |
बाबू | बबुआ | |
लालू | ललुआ | |
ई | ढोलक | ढोलकी |
रस्सा | रस्सी | |
प्याला | प्याली | |
हथौड़ा | हथौड़ी | |
नाला | नाली | |
कुआँ | कुई | |
इया | खाट | खटिया |
आम | अमिया | |
लोटा | लुटिया | |
डिब्बा | डिबिया | |
ओला | साँप | सपोला |
खाट | खटोला | |
गढ़ | गढ़ोला | |
की | कन | कनकी |
टिम | टिमकी | |
टी | गोरी | गोरटी |
छोरी | छोरटी | |
ड़ी | टांग | टंगड़ी |
पंख | पंखड़ी | |
ड़ा | चाम | चमड़ा |
मुख | मुखड़ा | |
लंग | लंगड़ा | |
री | कोठा | कोठरी |
छाता | छतरी | |
ली | टीका | टीकली |
खाज | खुजली | |
ढप | ढपली | |
सा | लाल | लाल-सा |
उड़ता | उड़ता-सा | |
भरा | भरा-सा | |
थोड़ा | थोड़ा-सा | |
छोटा | छोटा-सा |
(vi) स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय–
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर स्त्री जाति का बोध कराते हैं, अर्थात् पुल्लिंग से स्त्रीलिंग शब्दों का निर्माण करते हैं, ‘स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितान्त |
ई | देव | देवी |
घोड़ा | घोड़ी | |
टोकरा | टोकरी | |
बेटा | बेटी | |
लड़का | लड़की | |
इन | नाग | नागिन |
साँप | साँपिन | |
पड़ोसी | पड़ोसिन | |
मालिक | मालकिन | |
बाघ | बाघिन | |
तेली | तेलिन | |
आ | सुत | सुता |
छात्र | छात्रा | |
प्रिय | प्रिया | |
अनुज | अनुजा | |
नी | मोर | मोरनी |
ऊँट | ऊँटनी | |
नट | नटनी | |
शेर | शेरनी | |
आनी | देवर | देवरानी |
सेठ | सेठानी | |
इया | बंदर | बंदरिया |
कुत्ता | कुतिया |
प्रत्यय के विशेष नियम–
1. यदि किसी शब्द के अंत में ‘व’ हो और उत्पन्न होने या उससे जुड़े होने का बोध कराएँ, तो वहाँ ‘अ’ प्रत्यय होता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
अ | विभु | वैभव |
रघु | राघव | |
शिव | शैव | |
दनु | दानव |
2. यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे पहले आधा वर्ण हो तो वहाँ ‘य’ प्रत्यय होता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
य | एक | ऐक्य |
दिति | दैत्य | |
अदिति | आदित्य | |
पृथक् | पार्थक्य | |
स्वस्थ | स्वास्थ्य |
3. यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे (य) पहले आधा वर्ण नहीं हो तो ‘य’ से तुरंत पहले आने वाले स्वर को मिलाकर प्रत्यय बना दिया जाता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
एय | राधा | राधेय |
कुंती | कौंतेय | |
ईय | शासक | शासकीय |
नरक | नारकीय |
• विशेष– यदि किसी शब्द के अंत में ‘य’ हो और उससे पहले आधा वर्ण हो या नहीं हो लेकिन ‘तव्य’ या ‘अनीय’ की ध्वनि आ रही हो तो वहाँ ‘य’ या ‘ईय’ प्रत्यय न होकर ‘तव्य’ या ‘अनीय’ प्रत्यय होता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
तव्य | कृ/कर | कर्तव्य |
अनीय | वंद | वंदनीय |
4. यदि किसी शब्द के अंत में ‘अ, इ, ई, य, एय, इक, अयन या आयन’ प्रत्यय जुड़े हों, तो शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर में निम्नानुसार परिवर्तन हो जाता है—
(i) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘अ’ का ‘आ’ हो जाता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
अ | मनु | मानव |
रघु | राघव | |
वसुदेव | वासुदेव | |
मगध | मागध | |
आयन | वत्स्य | वात्स्यायन |
इ | वल्मीक | वाल्मीकि |
दशरथ | दाशरथि | |
य | अदिति | आदित्य |
ई | जनक | जानकी |
पर्वत | पार्वती | |
य | मधुर | माधुर्य |
स्वस्थ | स्वास्थ्य | |
इक | समाज | सामाजिक |
शरीर | शारीरिक | |
व्यवसाय | व्यावसायिक | |
एय | गंगा | गांगेय |
अंजनि | आंजनेय |
(ii) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘इ/ई/ए’ का ‘ऐ’ हो जाता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
ई | इंद्र | ऐंद्री |
अ | विष्णु | वैष्णव |
अ | शिव | शैव |
ई | विदेह | वैदेही |
इक | विज्ञान | वैज्ञानिक |
य | निरन्तर | नैरन्तर्य |
य | ईश्वर | ऐश्वर्य |
इक | नीति | नैतिक |
अ | विभु | वैभव |
इक | विचार | वैचारिक |
य | एक | ऐक्य |
इक | वेद | वैदिक |
ई | केकेय | कैकेयी |
(iii) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘उ/ऊ/ओ’ का ‘औ’ हो जाता है; जैसे—
प्रत्यय | मूल शब्द | निर्मित शब्द |
इक | उद्योग | औद्योगिक |
इक | उपचार | औपचारिक |
अ | कुशल | कौशल |
य | कुमार | कौमार्य |
य | उदार | औदार्य |
एय | कुंती | कौंतेय |
य | सुन्दर | सौन्दर्य |
इक | भूत | भौतिक |
इक | मूल | मौलिक |
इक | लोक | लौकिक |
इक | योग | यौगिक |
इक | उपनिवेश | औपनिवेशिक |
(iv) शब्द के प्रारंभ में आने वाले स्वर ‘ऋ’ का ‘आर्’ हो जाता है; जैसे—
पृथा + अ¯ऋ¯आर् | पार्थ | गृहस्थ + य¯ऋ¯आर् | गार्हस्थ्य | पृथक + य¯ऋ¯आर् | पार्थक्य |
उर्दू के प्रत्यय के उदाहरण
• हिन्दी की उदारता के कारण उर्दू के कतिपय प्रत्यय हिन्दी में भी प्रयुक्त होने लगे हैं; जैसे—
• गर – जादूगर, बाजीगर, कारीगर, सौदागर
• ची – अफीमची, तबलची, तोपची
• नाक – शर्मनाक, दर्दनाक
• दार – दुकानदार, मालदार, हिस्सेदार, थानेदार
• आबाद – अहमदाबाद, इलाहाबाद, हैदराबाद
• इन्दा – परिन्दा, बाशिन्दा, शर्मिन्दा, चुनिन्दा
• इश – फरमाइश, पैदाइश, रंजिश
• इस्तान – कब्रिस्तान, तुर्किस्तान, अफगानिस्तान
• खोर – हरामखोर, घूसखोर, जमाखोर, रिश्वतखोर
• गाह – ईदगाह, बंदरगाह, दरगाह, आरामगाह
• गार – मददगार, यादगार, रोजगार, गुनाहगार
• गीर – राहगीर, जहाँगीर
• गी – दीवानगी, ताजगी, सादगी
• गीरी – कुलीगीरी, मुंशीगीरी
• नवीस – नक्शानवीस, अर्जीनवीस
• नामा – अकबरनामा, सुलहनामा, इकरारनामा
• बन्द – हथियारबन्द, नजरबन्द, मोहरबन्द
• मन्द – अकलमन्द, जरूरतमन्द, एहसानमन्द
• साज – जिल्दसाज, घड़ीसाज, जालसाज
Pratyay Faq
प्रत्यय का अर्थ क्या हैं?
प्रति + अय
(प्रति = साथ में, पर बाद में)
(अय = जुड़ने वाला, चलने वाला)
प्रत्यय क्या है?
वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं
प्रत्यय के कितने भेद होते हैं?
2
प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?
2
प्रत्यय किसे कहते है?
वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं
pratyay kise kahate hain?
वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं
pratyay ki paribhasha?
किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं
Video Class for Pratyay
प्रत्यय के उदाहरण
Q.1
‘वाल्मीकि’ शब्द में प्रत्यय व मूल शब्द हैं –
1
वाल्मिकी + इ
2
वाल्मिक + ई
3
वल्मीक + इ
4
उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution
वल्मीक + इ = वाल्मीकि (प्रत्यय = इ) से बना शब्द है।
इसमें अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय है।
अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
जैसे – दाशरथि, राधेय आदि।
Q.2
बुद्धिमान शब्द में प्रत्यय है-
1
धिमान
2
आन
3
मान
4
न
Solution
बुद्धि + मान = बुद्धिमान
प्रत्यय ‘मान’ से बना शब्द है।
गुणवाचक / संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय:- इन प्रत्ययों के लगने से संबंध वाचक शब्दों की रचना होती है; जैसे – भारत + ईय = भारतीय, कठिन + तर = कठिनतर
Q.3
‘पुराण’ में ‘इक’ प्रत्यय लगने पर सही शब्द रूप होगा –
1
पुराणिक
2
पौराणिक
3
पुराणक
4
पोराणिक
Solution
पुराण + इक = पौराणिक
‘इक’ प्रत्यय से बना शब्द है।
इक प्रत्यय का नियम:- इक प्रत्यय जिस शब्द के साथ जुडे़गा उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा में परिवर्तन हो जाएगा।
जैसे – समाज + इक = सामाजिक
अर्थ + इक = आर्थिक
इतिहास + इक = ऐतिहासिक
भूत + इक = भौतिक
Q.4
निम्नलिखित में से किस विकल्प में कृत प्रत्यय से बने शब्द हैं?
1
तेली, मिठास
2
घबराहट, कौन्तेय
3
कारक, भगोड़ा
4
बचत, छात्रा
Solution
कार (कृ) + अक = कारक
भाग (ना) + ओड़ा = भगोड़ा
कर्तृवाचक प्रत्यय के उदाहरण है।
कर्तृवाचक प्रत्यय – वे प्रत्यय जो धातुओं अर्थात् क्रिया पद के मूल रूप के साथ लगाकर नए शब्द के निर्माण करते हैं, कृदन्त या कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
विशेष :- हिन्दी क्रियाओं में अन्तिम वर्ण ‘ना’ का लोप कर शेष शब्द के साथ प्रत्यय का योग किया जाता है।
कृदन्त या कृत प्रत्यय पाँच प्रकार के होते हैं-
(a) कर्तृवाचक
(b) कर्मवाचक
(c) करणवाचक
(d) भाववाचक
(e) क्रिया बोधक
Q.5
‘व्यथित’शब्द में प्रत्यय है-
1
त्
2
ईत
3
इत
4
अ
Solution
व्यथा + इत = व्यथित प्रत्यय ‘इत’ से बना शब्द है।
Q.6
‘जरूरतमन्द’ शब्द में प्रत्यय है –
1
द
2
न्द
3
मन्द
4
उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution
जरूरत + मन्द = जरूरतमन्द
प्रत्यय ‘मन्द’ से बना शब्द है।
Q.7
‘अफीमची’ में प्रत्यय है –
1
ची
2
ई
3
मची
4
इ
Solution
अफीम + ची = अफीमची
प्रत्यय ‘ची’ से बना शब्द है।
‘ची’ प्रत्यय से बनने वाले अन्य शब्द- तोपची, नकलची, बावर्ची।
Q.11
किस शब्द में ‘एय’ Pratyay का प्रयोग हुआ है-
1
गार्हस्थ्य
2
कात्याय
3
आंजनेय
4
शौर्य
Solution
अंजनि + एय = आंजनेय
Pratyay ‘एय’ से बना शब्द है।
Q.12
किस शब्द में तद्धित Pratyay का प्रयोग हुआ है?
1
गुणवान
2
वाचक
3
घबराहट
4
लड़ाई
Solution
गुण + वान = गुणवान (कर्तृवाचक तद्धित Pratyay)
कर्तृवाचक तद्धित Pratyay – वे Pratyay जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कर्तावाचक शब्द का निर्माण करते हैं।
Q.13
किस शब्द में Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है?
1
हनुमान
2
गुणवान
3
शक्तिवान
4
बुद्धिमान
Solution
शक्तिवान शब्द में Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है। शक्तिवान की अपेक्षा शक्तिमान शुद्ध रूप है।
हनु + मान = हनुमान, गुण + वान = गुणवान, बुद्धि + मान = बुद्धिमान
Q.14
लेखिका शब्द में Pratyay है-
1
अका
2
अक
3
इका
4
का
Solution
लेख + इका = लेखिका
Q.15
‘कौन्तेय’ शब्द में Pratyay है –
1
एय
2
ईय
3
य
4
उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution
कुंती + एय = कौन्तेय
Pratyay ‘एय’ से बना शब्द है।
प्रथम स्वर उ / ऊ / ओ होने पर ‘औ’ में बदल जाता है।
Q.16
आदित्य शब्द में Pratyay है-
1
य
2
इत्य
3
अ
4
त्य
Solution
अदिति + य = आदित्य
Pratyay ‘य’ से बना शब्द है।
किसी शब्द के अन्त में ‘य’ लिखा हुआ हो तथा ‘य’ से ठीक पहले कोई सर्व रहित (हलन्त) हो, वहाँ ‘य’ Pratyay होगा।
Q.17
‘परिन्दा’ शब्द में Pratyay है-
1
इंदा
2
दा
3
इन
4
आ
Solution
परि + इन्दा = परिन्दा शब्द Pratyay ‘इन्दा’ से बना शब्द है।
Q.18
‘घुमाव’ शब्द में कौन-सा Pratyay है?
1
आव
2
अव
3
आवा
4
अवा
Solution
‘घुमाव’ शब्द Pratyay ‘आव’ से बना है। इसमें – कृत/कृदन्त Pratyay है।
कृत्/कृदन्त Pratyay – वे शब्दांश, जो किसी क्रिया या मूलधातु के अंत में जुड़कर किसी यौगिक शब्द का निर्माण करते हैं। कृत्/कृदन्त Pratyay कहलाते हैं; जैसे – लड़ाई, खिलाड़ी आदि।
Q.19
‘अड़ियल’ में कौन-सा Pratyay है?
1
इत
2
इया
3
इयल
4
ईला
Solution
अड़ + इयल = अड़ियल (Pratyay – इयल) इसमें कर्तृवाचक कृदंत Pratyay है। ‘इयल’ Pratyay से बने अन्य शब्द – मरियल, सड़ियल आदि।
Q.20
‘शिक्षक’ शब्द में मूल शब्द व Pratyay छाँटिए-
1
शिक्षा + अक
2
शिक्षा + इक
3
शिक्षक + अक
4
शिक्षा + आक
Solution
‘शिक्षक’ शब्द में मूल शब्द = शिक्षा तथा Pratyay = अक = शिक्षक
Q.21
‘ल’ Pratyay से नहीं बना शब्द है-
1
एकल
2
अमल
3
नवल
4
युगल
Solution
अमल = अ + मल = अमल ‘ल’ Pratyay से नहीं बना शब्द है।
नव + ल = नवल
एक + ल = एकल
युग + ल = युगल
ये सभी Pratyay ‘ल’ से बने हुए शब्द है।
Q.22
‘आ’ Pratyay से बना शब्द है-
1
आत्मजा
2
भवदीया
3
महोदया
4
उपर्युक्त सभी
Solution
निम्न सभी Pratyay ‘आ’ से बने हुए शब्द हैं-
आत्म+आ
भवदीय+आ
महोदय + आ
Q.23
‘अ’ प्रत्यय से बने शब्द है-
1
शैव
2
लाभ
3
राम
4
उपर्युक्त सभी
Solution
शिव + अ = शैव
लभ + अ = लाभ
रम + अ = राम
ये सभी प्रत्यय ‘अ’ से बने हुए शब्द हैं।
‘अ’ प्रत्यय से बने अन्य शब्द – लाघव, दानव आदि।
Q.24
‘एय’ प्रत्यय से बना शब्द है-
1
गांगेय
2
आग्नेय
3
आतिथेय
4
उपर्युक्त सभी
Solution
गांगेय, आग्नेय, आतिथेय, तीनों प्रत्यय एय से बने शब्द हैं।
अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
Q.25
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द कर्तृवाचक कृदंत Pratyay से बना है?
1
कृपालु
2
बिकाऊ
3
दुधारू
4
रंगीला
Solution
- बिकना + आऊ = बिकाऊ (Pratyay – आऊ) इसमें कर्तृवाचक कृदंत Pratyay है।
- कृपालु = कृपा + आलु = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay
- दुधारू = दूध + आऊ = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay
- रंगीला = रंग + ईला = कर्तृवाचक तद्धित Pratyay
Q.26
‘पुत्री’ शब्द में Pratyay हैं-
1
संतान वाचक तद्धित Pratyay
2
ऊनता वाचक तद्धित Pratyay
3
संबंध वाचक तद्धित Pratyay
4
स्त्री वाचक तद्धित Pratyay
Solution
स्त्रीवाचक तद्धित Pratyay – वे Pratyay जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ लगकर स्त्रीलिंग का बोध कराते हैं।
पुत्र + ई = पुत्री इसमें मूल शब्द ‘पुत्र’ व Pratyay ‘ई’ है।
मूल शब्द में क्रिया न हो।
Pratyay लगने के बाद स्त्री वाचक शब्द बन जाए।
Q.27
भाववाचक कृत Pratyay किस शब्द में है?
1
पढ़ाई
2
लड़ाई
3
प्यास
4
ये सभी
Solution
पढ़ना + आई = पढ़ाई
लड़ना + आई = लड़ाई
पीना + आस = प्यास
यें सभी शब्द भाववाचक कृत Pratyay के है।
मूल शब्द में क्रिया।
Q.28
निम्नलिखित में से किस शब्द में स्त्री वाचक तद्धित Pratyay है-
1
जेठानी
2
सेठानी
3
बकरी
4
ये सभी
Solution
जेठ + आनी = जेठानी
सेठ + आनी = सेठनी
बकरा + ई = बकरी
इन सभी शब्दों में स्त्री वाचक तद्धित Pratyay है।
मूल शब्द में क्रिया न हो।
Q.29
‘शौर्य’ में Pratyay व मूल शब्द है-
1
सुर + या
2
शुर + अ
3
शुर + आ
4
शूर + य
Solution
शूर + य = शौर्य इसमें मूल शब्द ‘शूर’ व Pratyay ‘य’ है।
Q.30
‘इया Pratyay से बना शब्द है-
1
जड़िया
2
कटैया
3
बचैया
4
बजैया
Solution
‘जड़िया’ Pratyay – ‘इया’ से बना शब्द है।
कटैया, बचैया, बजैया – उपसर्ग ‘ ऐया ‘ से बने शब्द है।
Q.31
‘ई’ Pratyay से नहीं बना शब्द है-
1
गान्धारी
2
जाह्नवी (गंगा)
3
वाल्मीकि
4
वैदेही (सीता)
Solution
‘वाल्मीकि’ ‘Pratyay’ ‘इ’ से बना शब्द है।
गान्धारी, जाह्नवी (गंगा), वैदेही (सीता) Pratyay ई से बने शब्द हैं।
Q.32
निम्नलिखित में से कौन – सा विकल्प गलत है?
1
ठकुर+आईन= ठाकुराइन
2
कुमुद+इनी= कुमुदिनी
3
देवर+आनी = देवरानी
4
चमार+इन = चमारिन
Solution
ठकुर+आइन= ठाकुराइन Pratyay- आइन) से बना शब्द है।
कुमुद+इनी= कुमुदिनी (Pratyay- इनी) से बना शब्द है।
देवर+आनी = देवरानी (Pratyay- आनी) से बना शब्द है।
चमार+इन = चमारिन (Pratyay- इन) से बना शब्द है।
Q.33
‘नमकीन’ शब्द में कौन-सा Pratyay है?
1
ईन
2
इन
3
ई
4
न
Solution
नमक+ईन= नमकीन Pratyay ‘ईन’ से बना शब्द है।(c) जनरल मैनेजर (d) स्कूल
Q.34
किस विकल्प में सभी भाववाचक तद्धित Pratyay है?
1
भिखारी, पुजारी
2
चलते हुए, पढ़ते हुए
3
अपनत्व, जवानी
4
कतरनी, बेलन
Solution
अपना + त्व = अपनत्व
जवान + ई = जवानी
भाववाचक तद्धित Pratyay है।
भाववाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, भाववाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – बचपन, चतुराई आदि।
Q.35
‘आल’ Pratyay से बना शब्द है –
1
ससुराल
2
रंगीला
3
चचेरा
4
उपर्युक्त सभी
Solution
ससुर + आल = ससुराल
रंग + ईला = रंगीला
चाचा + एरा = चचेरा
ये सभी संबंधवाचक तद्धित Pratyay हैं।
संबंधवाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा/सर्वनाम/विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह संबंध के अर्थ का बोध कराए, संबंधवाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – भानजा, ममेरा आदि।
Q.36
‘अ’ Pratyay से बना शब्द है –
1
मानव
2
दानव
3
शैव
4
उपर्युक्त सभी
Solution
मनु + अ = मानव
दनु + अ = दानव
शिव + अ = शैव
उपर्युक्त तीनों शब्द उपसर्ग ‘अ’ से बने हुए हैं।
यदि किसी शब्द के अंत में ‘व’ हो और उत्पन्न होने के अर्थ का बोध कराए, तो वहाँ ‘अ’ Pratyay होता है; जैसे – बांधव, भार्गव आदि।
Q.37
‘आस’ Pratyay से बना शब्द है-
1
मिठास
2
प्यास
3
खट्टास
4
उपर्युक्त सभी
Solution
ये तीनों शब्द Pratyay ‘आस’ से बने बने हुए शब्द हैं।
भाववाचक तद्धित Pratyay – जब किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ Pratyay का प्रयोग किया जाए और वह भाव के अर्थ का बोध कराए, भाववाचक तद्धित Pratyay कहलाता है; जैसे – बचपन, चतुराई आदि।
Q.38
‘कर्तृवाचक’ Pratyay है:-
1
मुर्खता
2
कायरता
3
सुंदरता
4
भुलक्कड़
Solution
भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़- ‘कृत’ Pratyay से बना शब्द भुलक्कड़ हैं।
कृत्/कृदन्त Pratyay – वे शब्दांश, जो किसी क्रिया या मूलधातु के अंत में जुड़कर किसी यौगिक शब्द का निर्माण करते हैं। कृत्/कृदन्त Pratyay कहलाते हैं; जैसे – लड़ाई, खिलाड़ी आदि।
Q.39
Pratyay लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें हैं-
1
अंतिम मात्रा हटाकर
2
क्रिया का ‘ना’ हटाकर
3
अंतिम मात्रा उ हो तो हटाए नहीं संधि जैसा करे
4
(1) (3)
5
ये सभी
Solution
Pratyay लगाते समय इन सभीं बातों का विशेष ध्यान रखा जाता हैं।
Q.40
निम्न में से किस शब्द में ‘कृत’ Pratyay का प्रयोग हुआ है-
1
सजावट
2
छुटपन
3
पनिहारा
4
सुन्दरता
Solution
सज + आवट = सजावट (कृत् Pratyay) में भाववाचक Pratyay है।
भाववाचक Pratyay – वे Pratyay जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं।
Q.41
‘अयन’ Pratyay से बना शब्द है-
1
दांड्यायन
2
वात्स्यायन
3
रामायण
4
सांस्कृत्यायन
Solution
राम + अयन = रामायण
जो ‘अयन’ Pratyay से बना शब्द है।
‘अयन’ Pratyay से बने अन्य शब्द = नारायण, अन्वयन।
दाडत्यायन, वात्स्यायन व सास्कृत्यायन तीनों शब्द Pratyay ‘आयन’ से बने है।
Q.42
किस शब्द में ‘य’ Pratyay का प्रयोग हुआ है?
1
आग्नेय
2
गांगेय
3
कौन्तेय
4
ऐश्वर्य
Solution
ईश्वर + य = ऐश्वर्य Pratyay ‘य’ से बना शब्द है।
‘य’ Pratyay का नियम:- ‘य’ Pratyay जिस शब्द के साथ जुड़ेगा। उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा बड़ी हो जाएगी तथा अंतिम वर्ण में स्वर हट जाएगा।
जैसे- ललित + य = लालित्य
स्वस्थ + य = स्वास्थ्य
अग्नि + एय = आग्नेय
गंगा + एय = गांगेय
कुंती + एय = कौन्तेय
तीनों उपसर्ग ‘एय’ से बने शब्द है।
Q.43
किस शब्द में ‘इक’ Pratyay का सही प्रयोग नहीं हुआ है?
1
ऐतिहासिक
2
वर्णिक
3
औद्योगिक
4
वार्षिक
Solution
वर्णिक शब्द में ‘इक’ Pratyay का प्रयोग नहीं हुआ है।
‘इक’ Pratyay का नियम:- ‘इक’ Pratyay जिस शब्द के साथ जुडे़गा उस शब्द के प्रथम वर्ण में स्वर की मात्रा में परिवर्तन हो जाएगा।
इतिहास + इक = ऐतिहासिक
उद्योग + इक = औद्योगिक
वर्ष + इक = वार्षिक
उपर्युक्त तीनों उपसर्ग ‘इक’ से बने शब्द हैं।
Q.44
निम्न में स्त्रीबोधक Pratyay नहीं माना जा सकता है-
1
आनी
2
उक
Solution
‘उक’ Pratyay स्त्रीबोधक Pratyay न होकर संबंध वाचक तद्धित Pratyay है।- आनी, आइन, इका स्त्रीबोधक तद्धित Pratyay हैं।
Q.45
निम्न में से ‘ऊनतावाचक’ Pratyay का उदाहरण है-
1
पत्रिका
2
रामायण
3
दानव
4
देवी
Solution
पत्र + इका = पत्रिका
Pratyay ‘इका’ से बना शब्द है जो ऊनतावाचक Pratyay का उदारहण है।
ऊनतावाचक – संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ प्रयुक्त होकर ये उनके लघुता सूचक शब्दों का निर्माण करते हैं।
Q.46
निम्न में से कृदन्त Pratyay है-
1
लेखक
2
मालदार
3
तेली
4
लुहार
Solution
लेख + अक = लेखक Pratyay ‘अक’ से बना शब्द है।
कृदन्त Pratyay – वे Pratyay जो धातुओं अर्थात् क्रिया पद के मूल रूप के साथ लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, कृदन्त या कृत Pratyay कहलाते हैं।
Q.47
‘ऐक्य’ शब्द में Pratyay है-
1
एक
2
ईय
3
य
4
इक
Solution
एक + य = ऐक्य
Q.48
‘आग्नेय’ शब्द में Pratyay है –
1
ईय
2
एय
3
ऐय
4
इय
Solution
अग्नि + एय = आग्नेय
Q.49
‘स्वास्थ्य’ शब्द में Pratyay है –
1
य
2
Q.50
‘दानव’ शब्द में प्रत्यय है –
1
व
2
नव
3
अव
4
अ
Solution
दनु + अ = दानव- प्रत्यय ‘अ’ से बना शब्द है।
- अपत्यवाचक/सन्तानबोधक तद्धित प्रत्यय – जिन प्रत्ययों के योग से किसी कुल/वंश/संतानसूचक शब्दों का निर्माण होता है, अपत्यवाचक/ सन्तानसूचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं; जैसे – दाशरथि, राधेय, मानव = मनु + अ आदि।
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